चुल्लू भर पानी में डूब मरो* ये कहकर बोले आज से हमारा तुम्हारा संबंध खत्म हो गया... चुल्लू भर पानी में डूब मरो* ये कहकर बोले आज से हमारा तुम्हारा संबंध खत्म हो गया....
बात हाथापाई पर पहूच गयी बात हाथापाई पर पहूच गयी
श्रीमती जी का यह प्रश्न हरिचरण को वास्तविक दुनिया में खींच लाता है और वे सोचने पर मजबूर श्रीमती जी का यह प्रश्न हरिचरण को वास्तविक दुनिया में खींच लाता है और वे सोचने प...
लेखक : राजगुरू द. आदरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आदरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
"ये चक्का कोई सुदर्शन चक्र थोड़े न है! ये तो समय का चक्र है "ये चक्का कोई सुदर्शन चक्र थोड़े न है! ये तो समय का चक्र है
समाज हम जैसे लोगों से ही बना है। समाज हम जैसे लोगों से ही बना है।